मैं कोई लेखक या कवि तो नहीं हूँ लेकिन खाली समय में दिल की भावनाओं को दिमाग की कल्पनाओं के साथ कुछ लिखने का प्रयास कर लेता हूँ। आपको कैसे लगे ये जरूर बताना, मुझे और अच्छा लिखने की ऊर्जा मिलेगी।
"काँई करे रे बापड़ी, फोनां में बातां करती पकड़ी गयी" || गांवों का शादी डान...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें